सतसंगत्वे , निसंगत्वे ।
निसंगत्वे , निरमोहत्वे।।
निरमोहत्वे , निश्चलतत्वम ।
निश्चलतत्वे ,जिवनमुक्ति ।।
सत् के सगंत मे हो तो, बुराइयां आप का साथ छोड़ देगी।
बुराई का साथ छुटेगा तो,मोह माय़ा से मुक्त हो जाओगे ।।
मोह माया छुटने पर ,समभाव की भावना आती है ।
समभाव की भावना से, जिवन की मुक्ति होती है।।